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What is pulsed Laser deposition?

पल्स्ड लेज़र डेपॉज़िशन (PLD) (Pulsed Laser deposition)

प्रस्तावना (Introduction):

पल्स्ड लेज़र डेपॉज़िशन Pulsed Laser Deposition (PLD) एक पतली फिल्म डेपॉज़िशन तकनीकहै, जहां एकउच्च शक्ति पल्स्ड लेजर बीम को एक निर्वात चेंबर मे लक्ष्य (जिसकी फिल्म बनानी है) पर केंद्रित किया जाता है| लक्ष्य की सामग्री वाष्पिकृत होकर सामने रखे सबस्ट्रेट पर जमा हो जाती है (जैसे सिलिकन वेफर)| यह तकनीक सबसे पहले स्मिथ एवं टर्नर ने १९६५ मे अर्धचालक (semiconductor) और पारद्युतिक (dielectric) जैसे पदार्थो की फिल्म बनाने मे इस्तेमाल की थी|

प्रकिया (Process):

निम्नलिखित चार चरणो मे यह प्रकिया संपन्न होती है:

1) लक्षित सामग्री का लेज़र द्वारा उच्छेदन (ablation) और प्लाज़मा(plasma) का निर्माण: सबसे पहले चरण मे लेज़र बीम लक्ष्य से टकराकर अपनी विद्युत क्षेत्र से उत्पन्न उर्जा से एलेक्ट्रॉन्स (electrons) का प्रगमन करती है| एलेक्ट्रॉन्स लेज़र प्रकाश की विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र के भीतर oscillate करते हुए लक्षित सामग्री के अणुओं को अपनी उर्जा स्थानांतरित करतेहै| अंतत: लक्षित सामग्री गरम होकर वाष्पिकृत होती है|

2) प्लाज़मा का गति विज्ञान: दूसरे चरण मे,कूलंब प्रतिक्षेप (Coulomb repulsion) के कारण लक्ष्य की सामग्री सतह से हटकर सबस्ट्रेट (substrate) की दिशा में प्लाज़मा के रूप मे फैलती है।ज्यादातर, सबस्ट्रेट लक्ष्य सतह के समानांतर 2-8 से.मी की दूरी पर होते हैं| plume का स्थानिक वितरण (spatial distribution) चैंबर के दबाव (pressure) पर निर्भर करता है।

3) सबस्ट्रेट (Substrate) पर उच्छेदित सामग्री का निक्षेपण: तीसरा चरण जमा फिल्मों की गुणवत्ता निर्धारित करता हैं|

4)नूक्लियेशन  (Nucleation) और सबस्ट्रेट सतह पर फिल्म की वृद्धि: डेपॉज़िशन के मापदंड (deposition parameter) के अनुसार विभिन्न प्रकार से फिल्म की वृद्धि सम्भव है जैसे कि सीढ़ीनुमा प्रवाह (step flow growth), परतनुमा वृद्धि (Layer-by-layer growth), त्रिविम विकास (3Dimensional growth)|

लाभ:

1) प्रतिभा( Versatility): विभिन्न प्रकार के पदार्थो की फिल्म बनाने के लिए यह तकनीक का प्रयोग किया जाता है| विभिन्न प्रयोगात्मक मापदंड को परिवर्तित किया जा सकता है जिनका फिल्म की प्रकृति/ स्वभाव पर विशेष प्रभाव पड़ता है,जैसे की: पहला-लेज़र का उर्जा घनत्व (energy density), तरंगआयाम (wavelength), पुनरावृत्ति दर (repetition rate), स्पंदअवधि (pulse duration)|

दूसरा- रचनास्थिति (preparation condition) जिसमे लक्ष्य और सबस्ट्रेट के बीच की दूरी सबस्ट्रेट का तापमान, एवं चेंबर मे उपस्थित वायु दबाव सम्मिलित है|

2) लचीलापन (Flexibility): इस तकनीक मे प्रतिकियाशील (reactive) गैस एव म्मिश्रित (hybrid) वाष्पीकरण स्रोत का प्रयोग भी किया जा सकता है| चूँकि सकेंद्रित (focussed) लेज़र का बिंदुमाप (spot size) बहुत छोटा होता है इसलिए लक्षित क्षेत्र १ से.मी से भी कम हो सकता है जिसकी वजह से समस्थानिक (isotope) वस्तुयो का जमा की गयी फिल्म मे संवर्धन (enrichment) हो सकता है|

3) Stoichiometry मिलान : जमा की गयी फिल्म की Stoichiometry लक्ष्य के अनुरूप होती है| इसी कारण से यह तकनीक मिश्रधातु (alloy) के निक्षेपण मे भी उपयोगी सिद्ध हुई है| Stoichiometry मिलान अन्य तकनीक जैसे कि उष्णवाष्पीकरण (thermal evaporation), sputtering मे सम्भव नही है क्यूंकी इन तकनी को मे अर्धवाष्प दबाव (partial vapor pressure), sputtering प्रतिफल (yield) सभी अवयव / भाग (constituents) का एक जैसा नही होता है इसलिए फिल्म की संरचना लक्ष्य से अलग होती है|

4) फिल्म की सहजता (smoothness of the film): इस तकनीक मे सतह पर अति नमी (supersaturation) होने के कारण का फ़ीजादा nucleation density हो जाती है जो कि आणविक किरण पुंज एपिटक्सी (molecular beam epitaxy) एवं स्पटरिंग मे संभव नही हो पाता है| लेज़र पल्स १०-४० सूक्ष्म सेकेंड (microsecond) तक रहती है जिससे अधिक नूक्लियेशन घनत्व संभव है जो फिल्म को समतल बनाने के लिए उत्तरदायी है

अलाभ (Disadvantages):

1) अति सूक्ष्म particulates की  उपस्थिति|

राष्ट्रीयभौतिकप्रयोगशालामेंपी.एल.डीकीसुविधा:

Written by: Pooja Singh click here to go to her page on Engineering Physics

References: Pulsed laser deposition(PLD) Wikipedia

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